होम्योपैथीक मेडिसिन बिजनेस शुरू करने के लिए लाइसेंस की जरूरत
इस पोस्ट में हम डिसकस करने जा रहे हैं। होम्योपैथिक मेडिसिन के बारे में
कि अगर आप होम्योपैथिक मेडिसिन की मैन्युफैक्चरिंग में शुरू करना चाहते हैं, रिटेल शुरू करना चाहते हैं, होलसेल शुरू करना चाहते हैं तो आपको किस-किस तरह के लाइसेंस की जरूरत होगी। उसी के बारे में हम इस पोस्ट में डिस्कस करेंगे।
पहले थोड़ा होम्योपैथीक मेडिसिन के बारे में जान लेते है, वो क्या होती है और किस एक्ट के अंदर आती है और कौन सा एक्ट इंडिया में उसको रेगुलेट करता है तो उसके बारे में थोड़ा सा जान लेते हैं।
होम्योपैथीक मेडिसिन क्या होती है ?
इसमें वह सारे मेडिसिन आती है जो जितने भी होम्योपैथिक मेडिसिन की ऑथराइज बुक है उसके अनुसार बनाई गई है। चाहे वो एनिमल ओरिजिन की है या हर्ब्स ओरिजिन की है
और सभी होम्योपैथिक मेडिसिन जिस थॉयरी पर काम करती है, वो है - Like cures Like ।
जो होम्योपैथिक मेडिसिन है वह Pseudo Scientific सिस्टम ऑफ अल्टरनेटिव मेडिसिन में आते हैं। इसका ओरिजिनल 1796 में हुआ था। होम्योपैथिक मेडिसिन बेसिकली नेचुरल रिसोर्सेज से होती है , चाहे एनिमल नेचर की है या हर्ब्स नेचर की सोर्सेस है और उनको या तो dilute करके या उनकी potency बढ़ाकर तैयार किया जाता है।
जितनी भी होम्योपैथिक मेडिसिन इंडिया में सेल की जाती है या इम्पोर्ट की जाती है वह सब रिकार्डेड होनी चाहिए ऑथराइज होम्योपैथिक बुक में। वह उसके अकॉर्डिंग लिस्टेड होने चाहिए जो भी ऑथराइज्ड बुक्स है होम्योपैथिक मेडिसिन की और उनको जो होम्योपैथीक फार्मेसी है उसके अकॉर्डिंग, उनकी टेक्निक्स के अकॉर्डिंग बनाया गया होना चाहिए
जो होम्योपैथीक मेडिसिन है वो इंडिया में आयुष डिपार्टमेंट के अंदर आती है और ड्रग एंड कॉस्मेटिक एक्ट एंड रूल्स के अंतर्गत रेगुलेट की जाती है।
लाइसेंस की जरूरत
अब बात करते कि आप को कौन कौन से लाइसेंस की जरूरत पड़ेगी होम्योपैथिक मेडिसिन के बिजनेस में?
होम्योपैथिक मेडिसिन का बिजनेस शुरू करने के लिए आपको होम्योपैथीक ड्रग लाइसेंस के अलावा gst नंबर या फिर अपना फैक्ट्री एक्ट के अंदर रजिस्ट्रेशन या शॉप एंड एस्टेब्लिशमेंट एक्ट के अंदर रजिस्ट्रेशन, जो की आपके बिजनेस के नेचर पर डिपेंड करता है।
मैन्युफैक्चरिंग यूनिट के लिए लाइसेंस अलग रहेगा। रिटेल के लिए अलग रहेगा। होलसेल के लिए अलग रहेगा, उसके हिसाब से आपको रजिस्ट्रेशन या लाइसेंस की जरूरत पड़ सकती है।
अगर आप होम्योपैथीक मेडिसिन का रिटेल बिज़नेस शुरू करना चाहते है तो आपको स्टेट लाइसेंसिंग अथॉरिटी में। वहां पर आपको 19b फॉर्म में अप्लाई करना पड़ेगा और जो स्टेट लाइसेंसिंग अथॉरिटी से आपको लाइसेंसेस होगा वह आपको फॉर्म 20C में होगा।
अगर आप रिटेल बिजनेस होम्योपैथिक मेडिसिन का करना चाहते हैं तो होम्योपैथीक होलसेल बिज़नेस के लिए आपको लाइसेंस 20D में लेना पड़ेगा। स्टेट ड्रग लाइसेंस अथॉरिटी में, आपको उसके लिए जो एप्लीकेशन सबमिट करनी पड़ेगी। वह फॉर्म 19b में ही करनी पड़ेगी।
होम्योपैथिक मेडिसिन के मैन्युफैक्चरिंग बिजनेस के लिए आपको जो लाइसेंस लेना पड़ेगा, वह फॉर्म 25c में लेना
पड़ेगा स्टेट लाइसेंसिंग अथॉरिटी से और इसके लिए जो एप्लीकेशन सबमिट करनी पड़ेगी वो Form 24-C में करनी पड़ेगी।
तो ये आपको यह तीन लाइसेंस लेने पड़ेंगेअलग-अलग। रिटेल करना चाहते हैं, होलसेल करना चाहते हैं या मैन्युफैक्चरिंग शुरू करना चाहते हैं तो इस तरह आप अपने बिजनेस के नेचर के हिसाब से लाइसेंस लेकर अपना होम्योपैथीक मेडिसिन का बिजनेस शुरू कर सकते हैं।
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