कैसे कैसे आप आयुर्वेदिक प्रोडक्ट्स को इंडिया में बेच सकते हो ?
यहां पर हम बात करने जा रहा हूं कि अगर आप आयुर्वेदिक मेडिसिन को इंडिया में बेचना चाहते हैं तो वह कैसे कर सकते हो। हमने काफी बात की है कि
लेकिन अब बात आती है कि अगर आप आयुर्वेदिक मेडिसिन को बेचना चाहते हैं तो उनको किस किस तरीके से बेच सकते हो।
सबसे पहले डिस्कशन कर लेते हैं, थोड़ी रेगुलेटरी रिक्वायरमेंट के बारे में। जो आयुर्वेदिक मेडिसिंस होती है चाहे उसमें फिर हम पुरे आयुष सेक्टर को इंक्लूड कर लेते हैं। पुरे आयुष सेक्टर (आयुर्वेदिक, योग & नेचुरोपैथी, यूनानी , सिद्धा और होमियोपैथी ) की बात कर लेते है । लेकिन होम्योपैथीक मेडिसिन को साइड में रख लेते क्युकी होम्योपैथीक मेडिसिन के लिए लाइसेंस की जरूरत होती है।
जो आयुर्वेदिक मेडिसिन होती है, यूनानी मेडिसिन होती है, जो सिद्धा मेडिसिन होती है जब उनको बनाने की बात आती है तो वह रेगुलेट होती है, ड्रग एंड कॉस्मेटिक एक्ट के अंदर। जो आयुर्वेदिक मेडिसिन का सेक्शन जो रेगुलेशन एक्ट लागू होता है, आयुर्वेदिक मेडिसिन पर, यूनानी पर, सिद्धा पर वो ड्रग एंड कॉस्मेटिक्स एक्ट ही लागू होता है। उसी के अंदर डिस्क्राइब किया होता है। इनकी केवल मैन्युफैक्चरिंग ही रेगुलेट होती है तो जब भी हम आयुर्वेदिक, यूनानी , सिद्धा ) मेडिसिन को मैन्युफैक्चरिंग करने जाते हैं तो उसके लिए हमें लाइसेंस की जरूरत पड़ती है।
लेकिन जब डिस्ट्रीब्यूशन की बात आती है, सेल की बात आती है, मार्केटिंग की बात आती है, रिटेल की बात आती है तो उनके लिए हमें आयुर्वैदिक युनानी सिद्धा मेडिसिन में किसी प्रकार के लाइसेंस की जरूरत नहीं होती। केवल हम मैन्युफैक्चरिंग में जब जाएंगे वहां पर हमें लाइसेंस की जरूरत होगी
तो पॉइंट में आते हैं कि अगर हम आयुर्वेदिक मेडिसिन को बेचना चाहते हैं तो हमें किस किस तरह हम उनको बेच
सकते हैं।
सकते हैं।
बसीकली दो तरह से हम आयुर्वेदिक मेडिसिन को बेच सकते हैं। जब हम यहां पर आयुर्वेदिक मेडिसिन की बात करते हैं तो उसमे यूनानी मेडिसिन, सिद्धा मेडिसिन है दोनों ही कवर हो जाती है तो जब भी हम आयुर्वेदिक मेडिसिन की बात करेंगे तो यूनानी और सिद्धा मेडिसिन, उसमें इंक्लूड ही हम लेकर चलेंगे।
दो तरीके से आप बेच सकते हो या तो आप उसको ऑनलाइन तरीके से बेच सकते हो या ऑफलाइन में से बेच सकते हो।
पहले बात करते हैं ऑनलाइन बेचने की
कि अगर आप आयुर्वेदिक मेडिसिन को ऑनलाइन बेचना चाहते हैं तो आप कैसे बेच सकते हो?
ऑनलाइन, अगर आप अपने आयुर्वेदिक प्रोडक्ट को बेचना चाहते हो तो आपको एक जीएसटी नंबर की जरूरत पड़ती है और दूसरी आपको पैन कार्ड की जरूरत पड़ती है।
ऑनलाइन, अगर आप अपने आयुर्वेदिक प्रोडक्ट को बेचना चाहते हो तो आपको एक जीएसटी नंबर की जरूरत पड़ती है और दूसरी आपको पैन कार्ड की जरूरत पड़ती है।
ऑफलाइन मार्केटिंग की अगर बात करते हैं। हम ऑफलाइन मार्केटिंग में अगर आपको जीएसटी नंबर नहीं है क्योंकि वह टर्नओवर से रिलेटेड होता है। अगर आपको 40 लाख से उप्पर का टर्नओवर है तो जीएसटी नंबर कंपलसरी होता है। लेकिन अगर आपका कम भी है तो आप बिना जीएसटी नंबर के भी कर सकते हो।
लेकिन जब ऑनलाइन सेलिंग की बात आती है तो आपके पास जीएसटी नंबर होना कंपलसरी हो जाता है क्योंकि जीएसटी नंबर जब भी आप बिजनेस रिलेटेड बात करेंगे तो अगर आप राज्य से बाहर सेल कर रहे हो या ऑनलाइन सेल कर रहे हो तो GST नंबर कंपलसरी हो जाता है तो अगर आप ऑनलाइन जब भी बेचने जाएंगे तो आपको जीएसटी नंबर लेना बहुत जरूरी हो जाता है।
ऑनलाइन भी दो तरीके होते हैं या तो आप पहले से सफल जो b2c पोर्टल्स होते हैं, उनके द्वारा बेच सकते हो अपने प्रोडक्ट, जैसे अमेज़न हो गया फ्लिपकार्ट वगैरह हो गया। हेल्थ कार्ड वगैरह बहुत सारी वेबसाइट से 1mg हो गया या जितनी भी ऑनलाइन फार्मेसी वगैरा है वो भी आयुर्वेदिक प्रोडक्ट्स को अपने पोर्टल के द्वारा बेचते है। उनके द्वारा बेच सकते हो।
दूसरा जो तरीका होता है कि वह आप अपनी खुद की वेबसाइट या ऐप को बनवा सकते हो तो उसके द्वारा बेच सकते हो। अगर आप दूसरों के पोर्टल के द्वारा बेच रहे तो वहां पर भी आपको थोड़ा सा जो ऑनलाइन जब आप सेल्लिंग करने जाते हैं तो आपको बेसिक SEO नॉलेज होना जरूरी है। चाहे आप अपनी वेबसाइट या एप्प के द्वारा बेच रहे हो
क्योंकि जरूरी नहीं है आपको coding की नॉलेज हो क्योंकि वेबसाइट या एप्प आपको कोई भी डेवलपर बना
कर दे देगा। लेकिन जब आप उस को बेचने जाएंगे अपनी वेबसाइट के द्वारा या अपनी एप्प के द्वारा उसमें थोड़ा ज्यादा मेहनत लगेगी। दूसरी जो एक्जिस्टिंग पोर्टल्स होते हैं उन पर एक्चुअली पहले ही काफी ट्रैफिक होता है। काफी कस्टमर बेस होता है उनका तो उनके थ्रू बेचना थोड़ा शुरुआत में आसान रह जाता है। अगर आप थोड़ी से मेहनत करेंगे।
तो आपको जो सबसे मुख्य चीज है, सबसे मुख्य जो चीज़ है वह यही है कि आपको थोड़ा सा SEO कि नॉलेज होना जरूरी है। थोड़ा सा आपको डिजिटल मार्केटिंग की जरूरत है क्योंकि जब आप दूसरी वेबसाइटों के द्वारा भी बेचोगे तो जो आपकी विसुअलिटी है उसको बढ़ाना आपको आना चाहिए जब आप अपनी एप्प के द्वारा या वेबसाइट के द्वारा आप बेचोगे तो आप उसको कैसे सर्च इंजन पर ऑर्गेनिक ट्रैफिक उसको भेज सकते हो। वह कैसे आप पेड तरीको से उसको प्रमोट कर सकते हो। अलग अलग तरीको से सर्च इंजन पर उसको प्रमोट कर सकते हो
इसके अलावा डिजिटल मार्केटिंग में, उसको सोशल नेटवर्क्स के द्वारा कैसे अपने कस्टमर को कन्वर्ट कर सकते हो डिजिटल मार्केटिंग में भी कई तरीके होते हैं जैसे उनमें जो मेन मेन होता वह ब्लॉगिंग होता है। कांटेक्ट मार्केटिंग होता है। सोशल चैनल का उपयोग आप कितनी अच्छी तरह कर सकते हो। उनके फ्री टूल्स का उपयोग करके उनके पेड प्रमोशन का प्रयोग करके, फेसबुक का पेज हो गया। ग्रुप हो गया। यूट्यूब का चैनल हो गया, लिंक्डइन हो गया। इंस्टाग्राम हो गया तो काफी उन सबकी आपको बेसिक नॉलेज होना बड़ा जरूरी है अगर आपको आयुर्वेदिक प्रोडक्ट ऑनलाइन बेचना चाहते हो।
इसके अलावा डिजिटल मार्केटिंग में, उसको सोशल नेटवर्क्स के द्वारा कैसे अपने कस्टमर को कन्वर्ट कर सकते हो डिजिटल मार्केटिंग में भी कई तरीके होते हैं जैसे उनमें जो मेन मेन होता वह ब्लॉगिंग होता है। कांटेक्ट मार्केटिंग होता है। सोशल चैनल का उपयोग आप कितनी अच्छी तरह कर सकते हो। उनके फ्री टूल्स का उपयोग करके उनके पेड प्रमोशन का प्रयोग करके, फेसबुक का पेज हो गया। ग्रुप हो गया। यूट्यूब का चैनल हो गया, लिंक्डइन हो गया। इंस्टाग्राम हो गया तो काफी उन सबकी आपको बेसिक नॉलेज होना बड़ा जरूरी है अगर आपको आयुर्वेदिक प्रोडक्ट ऑनलाइन बेचना चाहते हो।
दूसरे एक तो ऑनलाइन तरीको के बारे में डिस्कस किया अगर ऑफलाइन आप बेचना चाहते हो ट्रेडिशनल तरीकों से आप बेचना चाहते हैं तो वहां पर भी काफी तरीके है। अगर आप अपने आयुर्वेदिक प्रोडक्ट को बेचना चाहते हो, प्रिस्क्रिप्शन मार्केटिंग कर सकते हो। आप कुदरा जो कहते हैं, डिस्ट्रीब्यूशन कर सकते हो अपने प्रोडक्ट का जो फार्मेसी वगैरा है या जो दूसरे जो बड़े ब्रैंड है उनकी जो फ्रेंचाइजीज बगैरा होती है वह जब मल्टी ब्रांड शोरूम जो आजकल तो काफी फ्रेंचाइजी, अच्छे-अच्छे शोरूम से, अच्छे-अच्छे मॉल वगैरा है आयुर्वेदिक प्रोडक्ट्स के, तो उन पर अपने प्रोडक्ट को प्रचार कर सकते हो।
आप आयुर्वेदिक फ्रेंचाइजी दे सकते हो। उसके द्वारा बेच सकते हो, डोर 2 डोर मार्केटिंग में जा सकते हो। आप डायरेक्ट सेल्लिंग, MLN कंपनी में जा सकते हो। उनके पास भी ज्यादातर आजकल प्रोडक्ट्स आयुर्वेदिक ही होते हैं। तो उस तरीके से आप अपने प्रोडक्ट्स बेच सकते हो आप टेली-मार्केटिंग कर सकते हो। आप अपने फोन के द्वारा बेच सकते हो। आप इसके अलावा योगा क्लासेज वगैरह होती है, जो पार्क वगैरह होते जहां पर हेल्थ से रिलेटेड चीजें होती है। वहां पर अपना काउंटर लगा सकते हो आजकल यह भी concept काफी फेमस हो रहा है। वहां पर अब पार्क के बाहर आपको काफी काउंटर में जो भी डिफरेंट डिफरेंट चीज बना कर देंगे। वीट ग्रास जूस देते हैं। आंवला जूस देते हैं या फिर अलोएवेरा जूस।
यह भी काफी अच्छा तरीका उसके अलावा आयुर्वेदिक मेडिकल स्टोर खोलकर भी आप किसी अच्छी जगह, प्राइम लोकेशन पर। अगर आप फार्मा का नहीं खोलना चाहते। केवल स्पेशली आप एक अच्छा काउंटर आयुर्वेदिक का खोल सकते हो और वहां से भी अपने प्रोडक्ट को या दूसरी कंपनी के प्रोडक्ट को भी आप सेल कर सकते हो।
यह भी काफी अच्छा तरीका उसके अलावा आयुर्वेदिक मेडिकल स्टोर खोलकर भी आप किसी अच्छी जगह, प्राइम लोकेशन पर। अगर आप फार्मा का नहीं खोलना चाहते। केवल स्पेशली आप एक अच्छा काउंटर आयुर्वेदिक का खोल सकते हो और वहां से भी अपने प्रोडक्ट को या दूसरी कंपनी के प्रोडक्ट को भी आप सेल कर सकते हो।
उम्मीद करते हैं। यह इंफॉर्मेशन आपको अच्छी लगी होगी!
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